Udyogini scheme for women entrepreneurs : भारत में महिला उद्यमियों की कल्याण और उन्नति के लिए उद्योगिनी कार्यक्रम की शुरुआत भारत सरकार और महिला उद्यमियों ने की थी। भारत सरकार के महिला विकास निगम ने उद्योगिनी योजना को लागू किया है। यह कार्यक्रम वंचित महिलाओं के बीच उद्यमिता को प्रोत्साहित और प्रेरित करता है, उन्हें व्यवसाय चलाने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करके। उद्योगिनी योजना पारिवारिक और व्यक्तिगत आय स्तरों को बढ़ाने में मदद करती है और राष्ट्रीय विकास को बढ़ावा देती है। उद्योगिनी योजना से संबंधित विस्तृत जानकारी जैसे कि मुख्य विशेषताएँ, उद्देश्य, विशेषताएँ, पात्रता मानदंड, आवश्यक दस्तावेज़, समर्थित व्यवसायों की सूची, आवेदन प्रक्रिया आदि प्राप्त करने के लिए नीचे पढ़ें।
उद्योगिनी योजना 2024
योजना का नाम | उद्योगिनी योजना |
किसने शुरू की | भारत में सरकार और महिला उद्यमी |
कार्यान्वित करने वाला | भारत सरकार का महिला विकास विभाग |
ब्याज दर | प्रतिस्पर्धी, सब्सिडी युक्त या विशेष मामलों के लिए मुफ्त |
वार्षिक पारिवारिक आय | रु. 1.5 लाख या उससे कम |
ऋण राशि | अधिकतम रु. 3 लाख तक |
आय सीमा नहीं | विधवा या विकलांग महिलाओं के लिए |
गिरवी | आवश्यक नहीं |
प्रोसेसिंग शुल्क | शून्य |
ऑफिसियल वेबसाइट | https://udyogini.org/ |
हेल्पलाइन नंबर | +91-9319620533 |
महिला उद्यमियों के लिए उद्योगिनी योजना 2024 (Udyogini Scheme for Women Entrepreneurs)
महिलाओं को व्यवसाय शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करके, यह कार्यक्रम वंचित महिलाओं के बीच महिला उद्यमिता को प्रोत्साहित और प्रेरित करता है। इस कार्यक्रम द्वारा मुख्य रूप से ग्रामीण और विकासशील क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं को समर्थन और वित्त पोषण प्रदान किया जाता है। उद्योगिनी योजना व्यक्ति और परिवार की आय में वृद्धि करने और राष्ट्र के समग्र विकास में योगदान देने में मदद करती है। समाज के सभी वर्गों की महिलाओं को बिना किसी बाधा या पक्षपात के ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किए जाते हैं। बैंक महिला किसानों को भी ब्याज मुक्त ऋण प्रदान करते हैं जो व्यवसायी हैं।
उद्योगिनी योजना को पंजाब और सिंध बैंक, सरस्वत बैंक, और कर्नाटक राज्य महिला विकास निगम (KSWDC) सहित कई वाणिज्यिक और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के समर्थन पर भारी निर्भरता है। यह संगठन महिलाओं के लिए व्यावसायिक विकास प्रशिक्षण कार्यक्रमों का समन्वय और कार्यान्वयन करता है, साथ ही वित्तीय सहायता भी प्रदान करता है।
उद्योगिनी योजना क्या है?
यह योजना परोक्ष रुप से केन्द्र सरकार की योजना नहीं है। बल्कि यह केन्द्र सरकार के निर्देशानुसार बैंकों द्वारा शुरु की गई योजना है। यह योजना सरकारी, प्राइवेट बैंकों के साथ ही नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (एनबीएफसी) के द्वारा स्वतंत्र रुप से चलाई जा रही है।
उद्योगिनी योजना शुरु करने के पीछे मूल मकसद महिला सशक्तिकरण करना है। इस योजना के तहत उन महिलाओं को लोन मिलता है, जो महिलाएं खुद का कारोबार करना चाहती हैं। आपको यह भी जानकारी दे दें कि इस योजना में उन महिलाओं को भी लोन मिलता है, जिन महिलाओं का पहले से ही कोई कारोबार है।
उद्योगिनी योजना में महिलाओं को न्यूनतम ब्याज दर पर अधिकतम 3 लाख रुपये तक का लोन मिलता है। इस योजना की खास बात यह है की अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति (एससी – एसटी) और शारीरिक रुप से अक्षम महिलाओं को ब्याज मुफ्त लोन दिया जाता है।
उद्योगिनी योजना से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बातें
इस योजना के तहत लोन लेने के लिए कुछ भी गिरवी नहीं रखना है। मतलब उद्योगिनी लोन बिना कुछ गिरवी रखे मिलता है।
उद्योगिनी लोन की ब्याज दर
इस योजना के तहत मिलने वाला लोन की ब्याज दर बहुत कम होती है। सामान्य तौर पर उद्योगिनी लोन की ब्याज दर 8% से लेकर 12% तक के बीच होती है। लेकिन ब्याज कितना होगा? यह पूरी तरह से बैंक के विवेकाधिकार पर निर्भर करता है।
विधवा/विकलांग महिलाओं के उद्योगिनी लोन पर ब्याज माफ़ होता है।
- उद्योगिनी लोन की प्रोसेसिंग शुल्क शून्य होता है। मतलब लोन प्रोसेसिंग के रुप में एक भी पैसा नहीं देना होता है।
- यहां यह बताना आवश्यक है कि उद्योगिनी लोन पर GST और सर्विस टैक्स भी लगाया जाता है।
- केन्द्र सरकार यह चाहती है कि उद्योगिनी लोन योजना के तहत साल 2020 के भीतर लगभग एक लाख महिलाओं को उद्योगिनी लोन का लाभ पहुंचाया जाए और उन्हें आर्थिक से आत्मनिर्भर बनाया जाए।
उद्योगिनी योजना के उद्देश्य (Objectives)
कर्नाटक राज्य का मुख्य लक्ष्य इस कार्यक्रम को लागू करने में यह है कि महिलाएं अपनी खुद की कंपनियों और सूक्ष्म उद्यमों को शुरू करके आत्मनिर्भर बनें और उन्हें उच्च ब्याज दरों पर साहूकारों से ऋण लेने से रोका जा सके। वित्तीय सहायता के साथ-साथ, यह कौशल विकास पाठ्यक्रम प्रदान करने की भी योजना बना रहा है।
उद्योगिनी योजना की प्रमुख विशेषताएं (Features)
- उद्योगिनी योजना की कुछ मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
- बैंकों और अन्य वित्तीय संगठनों से ऋण लेने के लिए महिला उधारकर्ताओं को प्रोत्साहित करना ताकि वे धन अर्जित कर सकें।
- पात्र महिला लाभार्थियों को बिना किसी पक्षपात या भेदभाव के ब्याज मुक्त ऋण प्रदान करना।
- एससी/एसटी या अन्य विशेष श्रेणियों के अंतर्गत आने वाली महिलाओं के लिए वित्तीय सहायता को अधिक सुलभ बनाना।
- महिलाओं को निजी ऋणदाताओं या अन्य वित्तीय संगठनों से उच्च ब्याज दर पर ऋण प्राप्त करने से रोकना।
- ईडीपी प्रशिक्षण के माध्यम से, सुनिश्चित करना कि महिला लाभार्थी अपने कौशल में वृद्धि करें।
उद्योगिनी योजना के लाभ
सरकार की इस योजना से महिलाओं को मिलने वाले लाभ इस प्रकार हैं:
- उद्योगिनी योजना के माध्यम से विधवा एवं गरीब परिवारों की महिलाओं को अपना व्यवसाय स्थापित करने में वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
- योजना के तहत उम्मीदवार महिलाओं को 3 लाख तक का बिना गारंटी लोन प्रदान किया जाता है।
- इस योजना के तहत सरकार महिला उद्यमियों को आर्थिक रूप से मदद करने के लिए उन्हें दिए जाने वाले लोन पर 30% सब्सिडी भी प्रदान करती है।
- लोन देने से पहले, वित्तीय संस्थान एक प्रक्रिया के माध्यम से आवेदक महिला की पात्रता का मूल्यांकन करता है।
कहां से मिल सकता है उद्योगिनी लोन?
वर्तमान समय में कई सरकारी और प्राइवेट बैंक हैं, जिनके यहां से उद्योगिनी लोन बहुत आसानी से मिल रहा है। उद्योगिनी लोन देने वाले बैंकों में पंजाब एंड सिंध बैंक और सारस्वत बैंक प्रमुख रुप से से उद्योगिनी लोन देने वाला बैंक है।
इसके अलावा उद्योगिनी योजना के तहत सभी कमर्शियल बैंकों से, सभी सहकारी बैंकों से और सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (RRB) से उद्योगिनी लोन प्राप्त किया जा सकता है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि उद्योगिनी लोन के जरिये अपना कारोबार चलाने वाली महिलाओं को इन वित्तीय संस्थाओं से सब्सिडी भी दी जाती है।
किसको मिल सकता है उद्योगिनी लोन?
उद्योगिनी लोन प्राप्त करने के लिए हर वह महिला हक़दार हैं, जो इसकी शर्तें को पूरा करती हैं। उद्योगिनी योजना की शर्तों की शर्तों के बारें में नीचे बाताया गया है। उद्योगिनी लोन प्राप्त करने के लिए वही महिलाएं हकदार हैं, उद्योगिनी योजना के अनुसार रजिस्टर्ड कारोबार कर रही हैं या करना चाहती हैं।
उद्योगिनी योजना के लिए पात्रता मानदंड (Eligibility Criteria)
उद्योगिनी योजना के लिए पात्रता मानदंड इस प्रकार हैं:
- आवेदक एक महिला होनी चाहिए।
- प्रारंभिक महिला आयु सीमा 45 वर्ष थी, लेकिन उस सीमा को बढ़ाकर 55 वर्ष कर दिया गया है, जिससे पात्र आयु सीमा 18 से 55 वर्ष हो गई है।
- पूर्व आय सीमा रु. 40,000 थी; वर्तमान आय सीमा रु. 1.5 लाख है।
- केवल महिला व्यवसायी ही व्यवसाय ऋण के लिए पात्र हैं।
- वह आवेदक जिसका उच्च क्रेडिट स्कोर हो और जो भुगतान कर सकती है।
- आदर्श रूप से, आपको वित्तीय संस्थानों से किसी भी पूर्व ऋण पर डिफॉल्ट नहीं किया होगा।
उद्योगिनी योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज़ (Required Documents)
उद्योगिनी योजना के लिए कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज़ निम्नलिखित हैं:
- पासपोर्ट साइज़ फोटोग्राफ्स
- आवेदक का आधार कार्ड
- जन्म प्रमाण पत्र
- पते और आय के प्रमाण के साथ ध्यानपूर्वक भरा गया आवेदन पत्र
- आवेदक का गरीबी रेखा से नीचे (BPL) कार्ड और राशन कार्ड
- यदि लागू हो, तो जाति प्रमाण पत्र
- बैंक पासबुक की प्रतिलिपि (खाता, बैंक और शाखा के नाम, धारक का नाम, IFSC और MICR)
- बैंक/NBFC द्वारा आवश्यक कोई अन्य दस्तावेज़
उद्योगिनी योजना के अंतर्गत सहायता प्राप्त व्यवसायों की सूची (Supported Businesses)
उद्योगिनी योजना के तहत सहायता प्राप्त करने के लिए 88 व्यवसाय शामिल किये गए हैं, जिनकी सूची इस प्रकार है:
अगरबत्ती निर्माण | डायग्नोस्टिक लैब | पत्ता कप विनिर्माण | रिबन बनाना |
चूड़ियाँ | खाद्य तेल की दुकान | दूध बूथ | दुकानें एवं प्रतिष्ठान |
ऑडियो एवं वीडियो कैसेट पार्लर | शुष्क सफाई | पुस्तकालय | साड़ी और कढ़ाई का काम |
बेकरी | सूखी मछली का व्यापार | चटाई बुनाई | सुरक्षा सेवा |
केले का कोमल पत्ता | बाहर खाना | माचिस का डिब्बा निर्माण | शिकाकाई पाउडर विनिर्माण |
बोतल कैप निर्माण | मछली के स्टॉल | पुराने पेपर मार्ट | साबुन तेल, साबुन पाउडर और डिटर्जेंट केक निर्माण |
ब्यूटी पार्लर | ऊर्जा भोजन | मटन स्टॉल | रेशम धागा निर्माण |
बेडशीट और तौलिया निर्माण | उचित मूल्य की दुकान | समाचार पत्र, साप्ताहिक एवं मासिक पत्रिका वेंडिंग | रेशम की बुनाई |
बुक बाइंडिंग और नोट बुक निर्माण | फैक्स पेपर विनिर्माण | नायलॉन बटन विनिर्माण | रेशम कीट पालन |
सफाई पाउडर | उपहार लेख | फोटो स्टूडियो | चाय की दुकान |
बेंत और बांस की वस्तुएं निर्माण | आटा चक्की | पान और सिगरेट की दुकान | स्टेशनरी की दुकान |
कैंटीन एवं खानपान | फूलों की दुकानें | पान के पत्ते या चबाने के पत्ते की दुकान | एसटीडी बूथ |
चाक क्रेयॉन विनिर्माण | जूते निर्माण | पापड़ बनाना | मिठाई की दुकान |
चप्पल निर्माण | ईंधन की लकड़ी | फिनाइल और नेफ़थलीन बॉल निर्माण | सिलाई |
सूती धागे का निर्माण | स्याही निर्माण | रेडियो और टीवी सर्विसिंग स्टेशन | सब्जी एवं फल वेंडिंग |
क्लिनिक | जिम सेंटर | प्लास्टिक वस्तुओं का व्यापार | कच्चा नारियल |
कॉफ़ी और चाय पाउडर | हस्तशिल्प विनिर्माण | मिट्टी के बर्तनों का निर्माण | ट्रैवल एजेंसी |
मसालों का निर्माण | घरेलू सामान खुदरा | कपड़ों की छपाई एवं रंगाई | ट्यूटोरियल |
नालीदार बॉक्स निर्माण | आइसक्रीम की दुकान | रजाई एवं बिस्तर निर्माण | टाइपिंग संस्थान |
डेयरी और पोल्ट्री संबंधित व्यापार | जूट कालीन निर्माण | अचल संपत्ति एजेंसी | ऊनी वस्त्र निर्माण |
क्रेच | जैम, जेली एवं अचार निर्माण | रागी पाउडर की दुकान | सेंवई निर्माण |
कटे हुए कपड़े का व्यापार | जॉब टाइपिंग एवं फोटोकॉपी सेवा | रेडीमेड गारमेंट्स व्यापार | गीला पीसना |
उद्योगिनी योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया (Procedure)
इस योजना के लिए इच्छुक आवेदक निकटतम बैंक में सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ जा सकते हैं और बैंक की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक आवेदन पत्र भर सकते हैं। एक अन्य विकल्प यह है कि उम्मीदवार उद्योगिनी कार्यक्रम के तहत ऋण प्रदान करने वाले बैंकों की आधिकारिक वेबसाइटों पर जाकर ऋण के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
FAQ
उद्योगिनी योजना क्या है?
उद्योगिनी योजना वंचित महिला उद्यमियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए एक सरकारी पहल है।
उद्योगिनी योजना के लिए पात्रता मानदंड क्या हैं?
18 से 55 वर्ष की आयु की महिलाएं जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय ₹1.5 लाख से कम है।
उद्योगिनी योजना के तहत अधिकतम ऋण राशि कितनी है?
अधिकतम ₹3 लाख तक।
क्या उद्योगिनी योजना के तहत गिरवी आवश्यक है?
नहीं, गिरवी आवश्यक नहीं है।
उद्योगिनी योजना के लिए आवेदन कैसे करें?
निकटतम बैंक में जाकर या बैंक की आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करें।