Apple Awas Yojana : एप्पल इंक, जो कि एक विश्वविख्यात तकनीकी कंपनी है, ने अपने नवीनतम और अनूठे प्रयास के माध्यम से भारतीय बाजार में एक नया अध्याय शुरू करने का संकल्प लिया है। इस कंपनी, जो मुख्य रूप से अपने उच्च कोटि के इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों जैसे आईफोन, मैकबुक और आईपैड के लिए विख्यात है, ने अब भारत में ‘एप्पल आवास योजना’ की शुरुआत की है। इस योजना के अंतर्गत, कंपनी ने 78,000 घर बनाने की योजना बनाई है। जिसका मुख्य उद्देश्य अपने कर्मचारियों को स्थायी और आरामदायक आवास प्रदान करना है।
यह पहल न केवल भारतीय आवास उद्योग में एक नई क्रांति लाएगी, बल्कि यह औद्योगिक विकास को भी एक नया आयाम देगी, जिससे भारत में एप्पल की स्थिरता और वृद्धि को और बढ़ावा मिलेगा। इस पहल से न केवल कर्मचारियों के जीवन स्तर में सुधार होगा, बल्कि इससे भारत में उनकी निरंतर उपस्थिति और प्रतिबद्धता भी दर्शाई जाएगी, जो देश में उनके दीर्घकालिक निवेश और विकास की योजना को मजबूत करेगी
Apple Awas Yojana 2024
योजना का नाम | एप्पल आवास योजना |
निर्माण स्थल | तमिलनाडु में 58000 बाकी अभी तय नहीं |
कुल घरों की संख्या | 78,000 |
लाभार्थी | एप्पल कर्मचारी |
एप्पल आवास योजना 2024
एप्पल आवास योजना के तहत, तमिलनाडु राज्य को सर्वाधिक लाभ होने की संभावना है। इस योजना में कुल 78,000 घरों में से लगभग 58,000 घर तमिलनाडु में बनाए जाएंगे। इस बड़े पैमाने पर होने वाले निर्माण से न केवल राज्य में आवासीय ढांचे का विस्तार होगा, बल्कि स्थानीय निवासियों को रोजगार के नए अवसर भी प्राप्त होंगे। इससे तमिलनाडु के औद्योगिक और आर्थिक विकास में भी बड़ी वृद्धि होने की उम्मीद है। एप्पल की इस पहल से राज्य में नई तकनीकी और आधुनिकता का संचार होगा, जो वहां के विकास को एक नया आयाम प्रदान करेगा।
पीपीपी मॉडल आवास योजना का महत्वपूर्ण आधार
एप्पल की आवास योजना पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर आधारित है, जो इसे भारत में अपनी तरह की सबसे बड़ी और अद्वितीय परियोजना बनाता है। इस मॉडल में सरकार और निजी क्षेत्र साझेदारी में काम करते हैं, जिससे आवास निर्माण प्रक्रिया में दक्षता और गति आती है। इस साझेदारी से न केवल निर्माण की लागत का वहन किया जाता है बल्कि यह उन्नत तकनीकी और सुविधाओं के समावेश को भी सुनिश्चित करता है।
लागत निर्धारण वित्तीय योजना और सहयोग
एप्पल आवास योजना में लागत निर्धारण का तरीका एक समग्र वित्तीय योजना पर आधारित होगा। इस योजना में केंद्र सरकार, राज्य सरकार, और निजी साझेदारों की ओर से वित्तीय योगदान का प्रावधान है। इसमें केंद्र सरकार द्वारा 10 से 15 प्रतिशत तक का योगदान दिया जाएगा और शेष लागत राज्य सरकार और निजी क्षेत्र के माध्यम से पूरी की जाएगी। इस योजना के तहत, लागत निर्धारण और वित्तपोषण की प्रक्रिया स्पष्ट और पारदर्शी होगी, जिससे प्रोजेक्ट की लागत-कुशलता और व्यावसायिक व्यवहार्यता सुनिश्चित हो सकेगी।
महिला कर्मचारियों की प्रमुख भूमिका
एप्पल आवास योजना में एक उल्लेखनीय विशेषता यह है कि इसके अंतर्गत वर्कफोर्स में 75 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं। यह पहल महिलाओं के लिए समान अवसर और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने में एक कदम है। इस प्रकार, एप्पल न केवल आवास उपलब्ध करा रही है बल्कि महिला श्रमिकों को अग्रणी भूमिका में लाने के लिए भी प्रयासरत है। यह उपाय उद्योग में लिंग समानता और समावेशिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
एप्पल की ‘आवास योजना’ भारत में एक नई और अनूठी पहल है जो न केवल कंपनी के कर्मचारियों के लिए आवासीय सुविधाएं प्रदान करने का वादा करती है बल्कि यह भारतीय आवास उद्योग में भी एक नई दिशा तय करेगी। इस योजना से भारत में एप्पल की प्रतिबद्धता और निवेश को और अधिक मजबूती मिलेगी।
साथ ही साथ यह तमिलनाडु सहित पूरे देश में आर्थिक विकास को गति देगी। पीपीपी मॉडल के माध्यम से इस योजना का कार्यान्वयन न केवल निर्माण उद्योग को बल प्रदान करेगा, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों विशेषकर महिलाओं के लिए नए अवसरों का सृजन करेगा। अतः एप्पल की यह आवास योजना भारत में उसके विकासात्मक पथ को नया आयाम देने के साथ-साथ समाज के समग्र विकास में एक महत्वपूर्ण योगदान देने का संकेत देती है।
कर्मचारियों की बढेगी दक्षता
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, फॉक्सकॉन, टाटा और सैलकॉम्प समेत ऐपल के कई दूसरे कॉन्ट्रैक्ट मेन्युफेक्चर्स और सप्लायर्स अपने कर्मचारियों के लिए घर बनाने की योजना बना रहे हैं। इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों का कहना है कि एक ही स्थान पर कर्मचारियों के लिए इतनी बड़ी आवास परियोजना, खासकर महिला कर्मचारियों के लिए भारत में पहली बार है। उन्होंने बताया कि ज्यादातर कर्मचारी किराए के स्थानों पर रहते हैं और फैक्ट्री तक पहुंचने के लिए बसों में घंटों यात्रा करते हैं। कई कर्मचारी महिलाएं भी है जिससे सुरक्षा संबंधी समस्याएं भी पैदा होती हैं।
फॉक्सकॉन को मिलेंगे 35 हजार घर
भारत में Apple का सबसे बड़ा iPhone सप्लायर फॉक्सकॉन (Foxconn) है. फॉक्सकॉन को ऐपल की इस आवास योजना में 35,000 घर मिलेगें। फॉक्सकॉन में वर्तमान में 41,000 कर्मचारी काम करते हैं, जिनमें से 75 फीसदी महिलाएं हैं. कंपनी का भारतीय ऑफिस तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में स्थित है। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स (Tata Electronics) अपनी होसुर फैक्टरी में अपने कर्मचारियों के लिए 11,500 यूनिट का निर्माण कर रही है। टाटा मुख्य रूप से घरेलू उपयोग और एक्सपोर्ट के लिए iPhone बनाती है।
तमिलनाडु को होगा सबसे ज्यादा फायदा
कंपनी ने बताया है इस प्रोजेक्ट में सबसे ज्यादा घर तमिलनाडु में बनाए जाएंगे। वहां पर करीब 58000 मकान बनाए जाएंगे। इस समय टाटा ग्रुप और उसके साथ ही एसपीआर इंडिया भी घर बना रहे हैं।