मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना छत्तीसगढ़ 2024 (Chhattisgarh Mukhyamantri Vriksh Sampada Yojana in Hindi)

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों का सपना सच करने के लिए और व्यावसायिक वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ी गौरव दिवस के अवसर पर 17 दिसंबर 2022 के दिन मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना को जारी करने की बात कही है। ‌इस योजना को लागू करने के बाद ऐसा माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाए जाएंगे और वहां के जो किसान है उनके लिए ये एक बहुत बड़ा अवसर होगा। छत्तीसगढ़ गौरव दिवस जिसे वर्चुअली आयोजित किया गया था उस प्रोग्राम में छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री भूपेश ने ये बात कही थी।

मुख्यमंत्री जी का ऐसा मानना है कि छत्तीसगढ़ को समृद्ध बनाने के लिए पेड़ पौधों को लगाना बहुत ज्यादा जरूरी है और लोग अपने निजी क्षेत्र में पेड़ पौधे लगाए ये चीज भी बहुत जरूरी है इसीलिए किसानों के साथ-साथ सरकार का सपना पूरा करने के लिए इस योजना को लागू किया जा रहा है।

 

Table of Contents

मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना 2024 (Mukhyamantri Vriksh Sampada Yojana in Hindi)

योजना का नाम मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना
योजना कब शुरू हुई 17 दिसंबर 2022
किसने लागू किया छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
योजना का प्रकार राजकीय योजना
लाभार्थी छत्तीसगढ़ की जनता

 

मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना 2024 का शुभारंभ (Mukhyamantri Vriksh Sampada Yojana Start)

हाल ही में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी द्वारा मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना को वर्चुअल रूप में शुरू किया गया है। यानि जल्द ही इस योजना का संचालन का काम पूरे राज्य में चालू हो जायेगा।

 

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना

 

मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना चर्चा में क्यों?

21 मार्च, 2023 को विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा परिसर स्थित अपने कार्यालय कक्ष से राज्य के सभी 33 ज़िलों के 42 स्थानों में राज्य सरकार की महत्त्वाकांक्षी ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना’ का वर्चुअल शुभारंभ किया। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में वाणिज्यिक वृक्षारोपण को बढ़ावा देकर किसानों की आय में वृद्धि करने के उद्देश्य से शुरू की गई है।

 

मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मौके पर वन संसाधन अधिकारों को लोगों तक सुगमता से पहुँचाने के लिये मोबाईल आधारित एफआरए टूल का लोकार्पण किया और वनोपज आधारित अर्थव्यवस्था को गति देने तथा व्यापारियों की सुविधा के लिये छत्तीसगढ़ में नेशनल ट्रांजिट पास सिस्टम (एनटीपीएस) का शुभारंभ किया।
  • साथ ही उन्होंने शहीद महेंद्र कर्मा सामाजिक सुरक्षा योजना के अंतर्गत 1458 हितग्राहियों के खाते में कुल 22 करोड़ रुपए की राशि का ऑनलाइन अंतरण किया।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना देश में एक अनूठी योजना है, जिसमें वाणिज्यिक प्रजातियों का वृक्षारोपण कर निजी व्यक्ति, संस्था अथवा कंपनियों के माध्यम से अधिकाधिक लाभ कमा सकते हैं। यह केवल वृक्षारोपण की योजना न होकर देश के जलवायु परिवर्तन की दिशा में भी हमारी सहभागिता और प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
  • ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना’में सभी वर्ग के इच्छुक किसानों की पड़त भूमि में वाणिज्यिक वृक्षारोपण होगा। योजना के तहत 33 ज़िलों के 23 हज़ार 600 किसानों द्वारा 36 हज़ार 230 एकड़ में वृक्षारोपण किया जाएगा। योजना से किसानों को सालाना प्रति एकड़ 15 से 50 हज़ार रूपए तक की आय होगी। इसके अलावा कार्बन क्रेडिट के माध्यम से भी किसानों को अतिरिक्त आय होगी।
  • वन एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि छत्तीसगढ़ वन संपदा की दृष्टि से बहुत समृद्ध राज्य है। ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना’के माध्यम से अगले 5 वर्षों में 1 लाख 80 हज़ार एकड़ में वृक्षारोपण किया जाएगा।
  • यह योजना हितग्राहियों की आय में वृद्धि के साथ-साथ पर्यावरण संतुलन की दृष्टि से भी महत्त्वपूर्ण योजना है। योजना में 5 एकड़ में वाणिज्यिक वृक्षारोपण करने वाले हितग्राहियों को शत-प्रतिशत अनुदान तथा 5 एकड़ से अधिक भूमि पर वृक्षारोपण करने वाले हितग्राहियों को 50 प्रतिशत अनुदान देने का प्रावधान किया गया है।
  • ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना’का लाभ किसान, इच्छुक भूमि स्वामी, शासकीय, अर्ध शासकीय एवं शासन के स्वायत्त संस्थाएँ, निजी शिक्षण संस्थाएँ, निजी ट्रस्ट, पंचायत तथा भूमि अनुबंध धारक उठा सकते हैं।
  • छत्तीसगढ़ में योजना के तहत इस वर्ष 12 प्रकार की प्रजाति के वृक्ष का रोपण किया जाएगा। इनमें क्लोनल यूकलिप्टस, रूटशूट टीक, टिश्यू कल्चर, चंदन, मेलिया दुबिया, सामान्य बाँस, टिश्यू कल्चर बंबू, रक्त चंदन, आँवला, खमार, शीशम तथा महानीम आदि के पौधे रोपे जाएंगे।
  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम के दौरान सामुदायिक वन संसाधन अधिकार जारी करने की प्रक्रिया को ट्रेक करने हेतु मोबाइल एप का लोकार्पण भी किया।
    • इस मोबाइल एप के उपयोग से सामुदायिक वन संसाधन अधिकार प्राप्त करने की पूरी प्रक्रिया सरलीकृत होगी।
    • सामुदायिक वन संसाधन अधिकार के आवेदन से लेकर अधिकार प्राप्ति तक 12 स्तर की प्रक्रिया है तथा 18 प्रपत्रों में जानकारी भरी जाती है।
    • मोबाइल एप के माध्यम से अधिकार प्राप्त करने की प्रक्रिया का मॉनिटरिंग भी की जा सकती है।
  • मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में वन विभाग द्वारा वनोपज के परिवहन हेतु तैयार कराए गए नेशनल ट्रांजिट पास सिस्टम (एनटीपीएस) को लॉन्च किया।
    • इस सुविधा के अंतर्गत आवेदक ट्रांजिट परमिट के लिये ऑनलाईन आवेदन कर सकते हैं तथा वन विभाग ऑनलाईन ट्रांजिट परमिट जारी करेगा। अंतर्राज्यीय सीमा में नये टी.पी. की आवश्यकता नहीं होगी।
    • मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल एवं जम्मू कश्मीर के बाद छत्तीसगढ़ एनटीपीएस योजना को लागू करने वाला चौथा राज्य बन गया है।
  • मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में कवर्धा ज़िले के सकरी नदी को संरक्षित करने तथा नदी का बहाव अपने पूर्ण क्षमता पर लाने के उद्देश्य से वृक्षारोपण के माध्यम से सकरी नदी पुनर्जीवन कार्यक्रम की शुरूआत की।
    • इसके तहत वन एवं राजस्व भूमि में नदी तट वृक्षारोपण कार्य, निजी भूमि में मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के अंतर्गत वृक्षारोपण, वन क्षेत्रों में नरवा योजना के अंतर्गत कैंपा मद से जल एवं मृदा संरक्षण कार्य तथा राजस्व क्षेत्र में मनरेगा अंतर्गत रोपण एवं संरचानाओं का निर्माण किया जाएगा।
    • इस एकीकृत परियोजना से कर्वधा ज़िले में किसानों को घरेलू उपयोग तथा कृषि के लिये सिंचाई हेतु पर्याप्त पानी उपलब्ध होगी।

 

मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना क्या है (What is Mukhyamantri Vriksh Sampada Yojana)

राज्य सरकार के 4 साल पूरे हो जाने के अवसर पर छत्तीसगढ़ गौरव दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना जारी की गई है। सरकार ने इस योजना के लिए 100 करोड़ रुपए का बजट तैयार किया है। इस बजट के साथ छत्तीसगढ़ में छात्रावासों, आश्रमों‌, शालाओं वो अन्य भवनों के रख रखाव और उस में वृक्षारोपण करने के लिए और उनके उन्नयन के लिए 1000 करोड रुपए का बजट पेश किया गया है। इस योजना को लागू करने के साथ मुख्यमंत्री ने तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए ‘स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट आईटीआई योजना’ के अंदर 1200 करोड़ रुपए का बजट बनाया गया है।

इस योजना के लागू हो जाने के बाद छत्तीसगढ़ की जनता के मन में राज्य सरकार के प्रति प्यार और सम्मान की भावना और ज्यादा बढ़ गई है। बहुत से लोगों को कहना है कि छत्तीसगढ़ सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार बढ़ाने के साथ-साथ छत्तीसगढ़ की संस्कृति को आगे ले जाने का काम भी कर रही है। किसान जो देशभर में हर किसी के लिए अन उगाते हैं या यूं कहें कि जो हमारे लिए अन्नदाता की तरह काम करते हैं उन्हें समृद्ध बनाने के लिए ही इस योजना को जारी किया गया है।

 

मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना का उद्देश्य (Objective)

मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना को लागू करने के पीछे छत्तीसगढ़ सरकार का उद्देश्य केवल छत्तीसगढ़ राज्य को एक हरा-भरा राज्य बनाना है तात्पर्य ये है कि इस योजना को जारी करके राज्य सरकार छत्तीसगढ़ के नागरिकों को अपनी निजी भूमि पर व्यावसायिक उद्देश्य से वृक्षारोपण करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। साथ ही साथ सरकार छत्तीसगढ़ के निवासियों को लकड़ी का उद्योग करने के लिए भी प्रेरित कर रही है ताकि उन्हें पेड़ों से ही आय प्राप्त हो सके। इस योजना के लागू हो जाने के बाद छत्तीसगढ़ में न सिर्फ पेड़ पौधे, हरियाली व समृद्धि होगी बल्कि छत्तीसगढ़ के निवासियों खासकर महिलाओं को आजीविका मिलेगी।

 

मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना की विशेषता (Features)

मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना को जल्द से जल्द कार्यान्वित किया जा रहा है साथ योजना को आगे बढ़ाने के लिए कई सारे कदम उठाए गए हैं जैसे –

  • मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के तहत ग्राम को वृक्ष या यूं कहे की फसल लगाने का केंद्र बनाया जा रहा है और शहरों को व्यवसाय व वाणिज्य का केंद्र बनाया जा रहा है।
  • इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के महिलाएं  9 हजार से ज्यादा गौठानों में वर्मी कंपोस्ट तैयार करने, गोबर खरीदने जैसे कामों में संलग्न रहेंगी जिसके कारण उन्हें घर बैठे बैठे ही आजीविका मिलेगी।
  • महिलाओं द्वारा गौठानों में जो 20 लाख क्विंटल वर्मी कंपोस्ट खाद तैयार की जाएगी उसे हाथो हाथ खेत में पहुंचा दिया जाएगा।
  • गौठानों के द्वारा इस तरह से वर्मी कंपोस्ट बनाने से सरकार की यही कोशिश है कि दुनिया में ग्लोबल वॉर्मिंग कम करने में व कार्बन उत्सर्जन कम करने में छत्तीसगढ़ भी अपना रोल निभा सके।
  • इस योजना के लागू हो जाने के बाद गौठान समितियों को 15 से 16 लाख रूपए दे दी जाएगी जिससे कि वे गोबर खरीद सके और छत्तीसगढ़ के विकास के लिए कार्य कर सकें।

 

मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना में अब तक क्या-क्या किया गया है

वैसे तो मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना हाल ही में शुरू किया गया था लेकिन इसमें काफी तेजी से काम शुरू कर दिया गया है‌। जिस दिन लिए योजना लागू किया जाने वाला था उसी कार्यक्रम के दौरान नवा रायपुर में संत शिरोमणी गुरू घासीदास बाबा स्मारक एवं संग्रहालय का भूमिपूजन किया गया है जिसकी  लागत 4.86 करोड़ रूपए हैं। इसी लागत के साथ 14 कार्यो का भूमिपूजन-लोकार्पण 33.96 करोड़ रूपए की लागत में किया गया। जिसमें छोटी जाति खास तौर पर अनुसूचित जाति व जनजाति के लोगों को कार्य प्रदान किया जाएगा‌।

जिस समय मुख्यमंत्री जी इस योजना को लागू कर रहे थे उस समय उनके साथ कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, मुख्यमंत्री के सलाहकार द्वय श्री विनोद वर्मा और श्री राजेश तिवारी, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ.शिवकुमार डहरिया, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन व छत्तीसगढ़ राज्य खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष श्री रामगोपाल अग्रवाल सभी लोग उपस्थित थे। योजना के अंतर्गत युवाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार का अवसर प्रदान करने के लिए 300 रूरल इंडस्ट्रियल पार्क तैयार किया जा रहा है। ये पार्क सिर्फ एक मैदान नहीं होंगे बल्कि इसमें मिट्टी पानी और बिजली तीनों की ही सुविधा अलग से प्रदान की जाएगी।

इस जगह पर युवाएं खास तौर पर वो लोग जिनके पास कोई रोजगार नहीं है वो अपना छोटा मोटा व्यवसाय शुरू कर सकते हैं।

 

मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना के अंतर्गत सभी वर्ग के इच्छुक भूमि स्वामी होंगे पात्र

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राज्य में वृक्षों के व्यावसायिक उपयोग को बढ़ावा देने की अपार संभानाओं को देखते हुए ‘‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना’’ को लागू किए जाने की घोषणा की है। इस योजनांतर्गत कृषकों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से कृषकों की सहमति पर उनके भूमि पर वाणिज्यिक वृक्षारोपण किया जाना है। मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना की क्रियान्वयन की तैयारी में वन विभाग जुट गया है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना अंतर्गत समस्त वर्ग के सभी इच्छुक भूमि स्वामी पात्र होंगे। इसके अलावा शासकीय, अर्धशासकीय तथा शासन के स्वायत्व संस्थान जो अपने स्वयं के भूमि पर रोपण करना चाहते हैं, पात्र होंगे। इसी तरह निजी शिक्षण संस्थाएं, निजी ट्रस्ट, गैर शासकीय संस्थाएं, पंचायतें, भूमि अनुबंध धारक, जो अपने भूमि में रोपण करना चाहते हैं, वे पात्र होंगे।

इस योजनांतर्गत राज्य शासन द्वारा 5 एकड़ तक वृक्षारोपण हेतु 100 प्रतिशत अनुदान तथा 5 एकड़ से अधिक क्षेत्र में वृक्षारोपण हेतु 50 प्रतिशत वित्तीय अनुदान देगी। योजना अंतर्गत मुख्य रूप से 05 वृक्ष प्रजातियों की खेती के लिए कृषकों को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जा रहा है। इनमें टिशू कल्चर बांस, क्लोनल नीलगिरी, मिलिया डूबिया, टिशू कल्चर सागौन तथा सफेद चंदन शामिल है।

मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य में वाणिज्यिक वृक्षारोपण को बढ़ावा देना है। इसके तहत राज्य के सभी कृषकों, शासकीय, गैर शासकीय, अर्धशासकीय, पंचायतें, अथवा स्वायत्व संस्थानों की भूमि पर वाणिज्यिक प्रजातियों के वृक्षारोपण उपरांत सहयोगी संस्था, निजी कंपनियों के माध्यम से निर्धारित समर्थन मूल्य पर वनोपज के क्रय की व्यवस्था करते हुए एक सुदृढ़ बाजार व्यवस्था आदि सुनिश्चित करना है।

इस संबंध में प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री संजय शुक्ला ने बताया कि मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजनांतर्गत राज्य में इस वर्ष 12 प्रकार के प्रजाति के वृक्ष का 30 हजार एकड़ रकबे में रोपण किया जाएगा।

इनमें से क्लोनल यूकलिप्टस का 17 हजार 182 एकड़ में, रूटशूट टीक का 6 हजार 456 एकड़ में, टिश्यू कल्चर का 2 हजार 617 एकड़ में, चंदन का 1 हजार 462 एकड़ में, मिलिया डूबिया का 8 सौ 34 एकड़ में, सामान्य बांस का 7 सौ 37 एकड़ में, टिश्यू कल्चर बम्बू का 6 सौ 7 एकड़ में, रक्त चंदन का 1 सौ 26 एकड़ में, आमला का 43 एकड़ में, खमार का 40 एकड़ में, शीशम का 20 एकड़ में तथा महानीम का 20 एकड़ रकबे में लगाने का लक्ष्य रखा गया है।

 

मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना में शामिल वृक्षों की प्रजातियां

मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना में 05 वृक्ष प्रजातियों की खेती के लिए विशेष प्रोत्साहन दिया गया है:-

टिशू कल्चर बांस, क्लोनल नीलगिरी, मिलिया डूबिया, टिशू कल्चर सागौन  तथा सफेद चंदन योजना में शामिल हैं।

 

मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना में पौधे रोपे जाएंगे, इससे क‍िसानों को म‍िलेगा लाभ

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर 33 जिलों के 42 स्थानों में ‘‘मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना’’ का शुभारंभ किया। किसान, इच्छुक भूमि स्वामी, शासकीय, अर्ध शासकीय एवं शासन के स्वायत्त संस्थाएं, निजी शिक्षण संस्थाएं, निजी ट्रस्ट, पंचायत तथा भूमि अनुबंध धारक मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना का लाभ उठा सकते हैं। इस वर्ष 12 प्रकार की प्रजाति के वृक्ष का रोपण किया जाएगा। इनमें क्लोनल यूकलिप्टस’, रूटशूट टीक, टिश्यू कल्चर, चंदन, मेलिया दुबिया, सामान्य बांस, टिश्यू कल्चर बम्बू, रक्त चंदन, आंवला, खमार, शीशम तथा महानीम आदि के पौधे रोपे जाएंगे।

 

म‍िलेगी सब्स‍िडी

योजना का उद्देश्य संस्थानों की भूमि पर वाणिज्यिक प्रजातियों के वृक्षारोपण उपरांत सहयोगी संस्था, निजी कंपनियों के माध्यम से निर्धारित समर्थन मूल्य पर वनोपज के क्रय की व्यवस्था करते हुए एक सुदृढ़ बाजार व्यवस्था आदि सुनिश्चित करना है। मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना अंतर्गत समस्त वर्ग के सभी इच्छुक भूमि स्वामी पात्र होंगे। इसके अलावा शासकीय, अर्द्धशासकीय तथा शासन के स्वायत्त संस्थान जो अपने स्वयं के भूमि पर रोपण करना चाहते हैं, पात्र होंगे।

इसी तरह निजी शिक्षण संस्थाएं, निजी ट्रस्ट, गैर शासकीय संस्थाएं, पंचायतें, भूमि अनुबंध धारक, जो अपने भूमि में रोपण करना चाहते हैं, वे पात्र होंगे। योजना के तहत टिशू कल्चर सागौन, टिशू कल्चर बांस, मिलिया डूबिया, चंदन एवं क्लोनल नीलगिरी के पौधों का रोपण किया जाएगा। 5 एकड़ तक के वृक्षारोपण में शत प्रतिशत तथा 5 एकड़ से अधिक भूमि पर वृक्षारोपण हेतु 50 प्रतिशत अनुदान शासन द्वारा दिया जाएगा।

 

एमएसपी पर होगी पेड़ों की खरीद

इस योजना के माध्यम से किसानों को सालाना प्रति एकड़ 15 से 50 हजार रुपये तक की आय होने का अनुमान है। इसके अलावा कार्बन क्रेडिट के माध्यम से भी किसानों को आमदनी होगी।

इस योजना में 5 एकड़ जमीन में Commercial Plantation करने वाले किसान हितग्राहियों को शत-प्रतिशत अनुदान और 5 एकड़ से अधिक जमीन पर वृक्षारोपण करने वाले किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान देने का प्रावधान है। इतना ही नहीं इस योजना में पहली बार चिन्हित प्रजातियों के वृक्षों को न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP पर खरीद करने की गारंटी भी दी गई है।

 

किसान ही नहीं, संस्थाएं उठा सकती हैं लाभ

राज्य के प्रधान मुख्य वन संरक्षक वी. श्रीनिवास राव ने बताया कि मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना का लाभ किसान ही नहीं, बल्कि इच्छुक भूमि स्वामी, शासकीय, अर्ध शासकीय एवं शासन से स्वायत्त  संस्थाएं, निजी शिक्षण संस्थान, निजी ट्रस्ट, पंचायत तथा किराए पर जमीन लेने वाले लोग भूमि अनुबंध धारक उठा सकते हैं। छत्तीसगढ़ सरकार ने इस योजना के तहत विभिन्न प्रजाति के जिन वृक्षों को चिन्ह‍ित किया है, उनमें क्लोनल यूकेलिप्टस, रूटशूट टीक, टिश्यू कल्चर वाला चंदन, मेलिया दुबिया, सामान्य बांस, टिश्यू कल्चर बांस, रक्त चंदन, आंवला, खमार, शीशम तथा महानीम सहित अन्य कॉमर्श‍ियल पेड़ शामिल हैं।

 

दो साल तक रख रखाव के लिए प्रोत्साहन

सरकार निशुल्क पौधे देगी इसके साथ ही क्लोनल नीलगिरी के लिए 21 रुपए, टिश्यू कल्चर बांस के लिए 54.50 रुपए, टिश्यू कल्चर सागौन 94.50 रुपए, मालाबार नीम के लिए 44.50 रुपए और अन्य पौधों के लिए 33.50 रुपए प्रति पौधे उन्हें रोपने के लिए अतिरिक्त दिए जाएंगे। इसके बाद सरकार की ओर से रख रखाव के लिए प्रति पौधा 7-7 रुपए का भुगतान किया जाएगा।

 

मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना को लागू करने के बाद मुख्यमंत्री ने क्या कहा

छत्तीसगढ़ गौरव दिवस के अवसर पर लागू किए गए मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के बारे में छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री ने काफी सारी बातें कही है!

छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री भूपेश जी का कहना है कि मुख्यमंत्री पद का शपथ लेने के बाद वे सीधा मंत्रालय चले गए थे। और वहां उन्होंने 19 लाख किसानों के लिए 11000 करोड़ का ऋण माफ करने और 2500 रुपए में धान की खरीदारी करने की बात कही है।

इस योजना को लागू करने के साथ मुख्यमंत्री ने कहा है कि योजना को लागू कर देने के बाद वो महिलाएं जो खेती करके अपना जीवन यापन करते हैं। उनका जीवन बेहतर बनेगा आज हमारे पुरखों ने जिस तरह के समृद्ध, विकसित व खुशहाल छत्तीसगढ़ का सपना देखा था वो सपना अब पूरा होगा।

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